गणेश चतुर्थी 2024
गणेश चतुर्थी 2024: पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और भोग प्रसाद
गणेश चतुर्थी, जिसे विनायक चतुर्थी और गणेशोत्सव के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। यह भगवान गणेश, ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य के देवता का जन्मोत्सव मनाता है।
2024 में, गणेश चतुर्थी शनिवार, 7 सितंबर को शुरू होगी और मंगलवार, 17 सितंबर को गणेश विसर्जन के साथ संपन्न होगी।
शुभ मुहूर्त:
- प्रतिमा स्थापना मुहूर्त: सुबह 11:06 बजे से 12:33 बजे तक
पूजा विधि:
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गणपति प्रतिमा स्थापित करें:
- सबसे पहले, घर को अच्छी तरह से साफ करें और स्नान करें।
- पूजा स्थल को सजाएं और गणपति प्रतिमा स्थापित करें।
- प्रतिमा को गंगाजल और दूध से स्नान कराएं।
- लाल कपड़ा, सिंदूर, फूल और मोली चढ़ाएं।
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षोडशोपचार पूजन करें:
- गणपति जी को षोडशोपचार पूजन अर्पित करें।
- इसमें 16 तरह की सामग्री चढ़ाई जाती है, जैसे कि जल, दूध, घी, शहद, दही, फल, फूल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, आदि।
- धूप, दीप और आरती जलाएं।
- गणपति मंत्रों का जाप करें।
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भोग लगाएं:
- गणपति जी को मोदक, लड्डू, फल और उनकी पसंदीदा मिठाइयां चढ़ाएं।
- भोग लगाने के बाद, प्रसाद वितरित करें।
विशेष:
- गणेश चतुर्थी के दौरान, लोग 10 दिनों तक गणपति जी की पूजा करते हैं।
- दसवें दिन, गणपति जी की प्रतिमा को विसर्जित किया जाता है।
- इस दौरान, लोग विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और उत्सवों का आयोजन करते हैं।
गणेश चतुर्थी का महत्व:
गणेश चतुर्थी बुद्धि, विद्या और समृद्धि का प्रतीक है। इस त्योहार को मनाने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
भोग प्रसाद:
- मोदक: गणपति जी का सबसे प्रिय भोग मोदक है।
- लड्डू: लड्डू भी गणपति जी को बहुत पसंद है।
- फल: गणपति जी को केला, सेब, और नारियल बहुत पसंद है।
- मिठाइयां: गणपति जी को सभी तरह की मिठाइयां पसंद हैं।
निष्कर्ष:
गणेश चतुर्थी एक खुशी और उत्साह का त्योहार है। इस त्योहार को मनाकर हम भगवान गणेश की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में सुख-समृद्धि ला सकते हैं।